उदासी भरी हिंदी शायरी – ना खुशी खरीद पाता हूं और dilse August 20, 2016 Uncategorized Comments ना खुशी खरीद पाता हूं और ना गम बेच पाता हूं फिर भी ना जाने क्यूं हर रोज बाजार जाता हूं।