मोहब्बत शायरी २ लाइन में – निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा dilse December 9, 2016 Uncategorized Comments निगाहों में कोई भी दूसरा चेहरा नहीं आया, भरोसा ही कुछ ऐसा था तुम्हारे लौट आने का…..!