सुविचार शायरी – मंज़िलों के ग़म में रोने से dilse August 19, 2016 Uncategorized Comments मंज़िलों के ग़म में रोने से मंज़िलें नहीं मिलती; हौंसले भी टूट जाते हैं अक्सर उदास रहने से।