मिलने को तो लाखों मिले ,
बस वो लाखों में एक न मिला …
मिलने को तो लाखों मिले ,
बस वो लाखों में एक न मिला …
डर मुझे भी लगा फ़ासला देख कर,
पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर.
खुद ब खुद मेरे नज़दीक आती गई,
मेरी मंज़िल मेरा हौंसला देख कर..!!
वक़्त नूर को बेनूर बना देता है, छोटे से जख्म को नासूर बना देता है,
कौन चाहता है अपनों से दूर रहना, पर वक़्त सबको मजबूर बना देता है.
ले दे के अपने पास फ़कत एक नजर तो है,
क्युँ देखे जिंदगी को किसी की नजर से हम..
सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये
कभी इन्ही परछाईयो को पैरों से रौंदते हम गए.
घड़ा सर पर रख कर पानी बड़ी दूर से लाती है,
माँ की होली तो रोज होती है,वो रोज भीग जाती है।
मै झुकता हूँ हमेशा आँसमा बन के
जानता हूँ कि ज़मीन को उठने की आदत नही.
जब लगा था तीर तब इतना दर्द न हुआ..
ज़ख्म का एहसास तब हुआ जब कमान देखी अपनों के हाथ में!!
हर् स्कूल में लिखा होता है,असूल तोडना मना है ..!!
हर बाग में लिखा होता है ,फूल तोडना मना है ..!!
हर खेल मैं लिखा होता है ,रूल तोडना मना है ..!!
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काश ..!!
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मोहब्बत और दोस्ती मैं भी लिखा होता की ..,
किसी का दिल तोडना मना है ..!
हंसने के बाद क्यों रुलाती है दुनियां,
जाने के बाद क्यों भुला देती है ये दुनियां,
जिंदगी में क्या कोई कसर बाकी थी,
जो मरने के बाद भी जला देती है ये दुनियां.