ऐ ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है की मंज़िल मौत है फिर भी दौड़ रही है.. !!
Month: January 2018
Hindi Shayari 2 Line Mein – गैरों से तुम्हे मिलते देख
गैरों से तुम्हे मिलते देख, थोड़ी देर हुई थी तकलीफ
फिर याद आया हम कौन से तेरे अपने थे?
ऐ ज़िन्दगी तेरे जज़्बे को सलाम,
पता है की मंज़िल मौत है फिर भी दौड़ रही है.. !!
गैरों से तुम्हे मिलते देख, थोड़ी देर हुई थी तकलीफ
फिर याद आया हम कौन से तेरे अपने थे?