बंद अलमारी में पुस्तकों ने आत्महत्या कर ली,
और सुसाइड नोट में आरोपी का नाम “मोबाइल” लिखा !
बंद अलमारी में पुस्तकों ने आत्महत्या कर ली,
और सुसाइड नोट में आरोपी का नाम “मोबाइल” लिखा !
मंज़िलों से गुमराह भी कर देते हैं कुछ लोग…!
हर किसी से रास्ता पूछना अच्छा नहीं होता…!!
Waqt Kisi Ka Saga Nahi Hota Hai ARIF
Girgit Ki Tarah Rang Badalne Ka
Huner Hasil Hai Ise..
Submitted By : MUHAMMAD ARIF CHEETAL, Muzaffarnagar
हद से बढ़ जाये ताल्लुक तो ग़म मिलते हैं ।
हम इसी वास्ते हर शख्स से कम मिलते हैं ।
ना ऊँच नीच में रहू ना जात पात में रहूँ !!!!
तु मेरे दिल में रहे प्रभु और में औक़ात में रहूँ !!
रात भर की उदासियों के बाद,
ये भी एक हुनर ही मानो,
कि हम,
हर सुबह एक बार फिर से जिंदगी सँवार लेते हैं …!
वक़्त ने ज़रा सी करवट क्या ली
गैरो की लाइन में सबसे आगे पाया अपनों को !!!!!
मैं क्या जानूँ दर्द की कीमत ?
मेरे अपने मुझे मुफ्त में देते हैं !
दाग तेरे दामन के धुले ना धुले !!
नेकिया तेरी तराजू में तुले न तुले !!
आज ही गुनाहों से कर ले तोबा !!
ख़ुदा जाने कल तेरी आँख खुले ना खुले !!
समझौतों की भीड़-भाड़ में सबसे रिश्ता टूट गया,
इतने घुटने टेके हमने आख़िर घुटना टूट गया…