हर सपने को अपनी साँसों में रखे
हर मंज़िल को अपनी बाहों में रखे
हर जीत आपकी ही है,
बस अपने लक्ष्य को अपनी निगाहों में रखे!
Category: Manzil Shayari
Manzil Hindi Shayari – मंज़िल का पता है न
मंज़िल का पता है न किसी राहगुज़र का
बस एक थकन है कि जो हासिल है सफ़र का
Manzil Hindi Shayari – रास्तों पर निगाह रखने वाले
रास्तों पर निगाह रखने वाले
भला मंज़िल कहाँ देख पाते हैं
मंज़िलों तक तो वही पहुँचते हैं
जो रास्तों को नज़रअंदाज़ कर जाते हैं
Manzil Hindi Shayari – मैं अकेला ही चला था
मैं अकेला ही चला था “जानिब-ए-मंज़िल”
” मगर”
लोग साथ आते गये और “कारवाँ” बनता गया.
Manzil Hindi Shayari – किसी को घर से निकलते
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल;
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा।
Manzil Hindi Shayari – एक ना एक दिन हासिल
एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंज़िल,
ठोकरे ज़हर तो नहीं , जो खा कर मर जाऊंगा….
Manzil Hindi Shayari – ये राहें ले ही जाएँगी
ये राहें ले ही जाएँगी मंज़िल तक
हौसला रख
कभी सुना है कि अंधेरों ने
सवेरा ना होने दिया ?
Manzil Hindi Shayari – ये भी क्या मंज़र है
ये भी क्या मंज़र है बढ़ते हैं न रुकते हैं क़दम
तक रहा हूँ दूर से मंज़िल को मैं मंज़िल मुझे
Manzil Hindi Shayari – मंज़िल हमारी हमारे करीब से
मंज़िल हमारी, हमारे करीब से गुज़र गयी
हम दूसरों को रास्ता दिखाने में रह गए
Manzil Hindi Shayari – मंज़िल तो मिल ही जायेगी
मंज़िल तो मिल ही जायेगी भटक कर ही सही,
गुमराह तो वो हैं जो घर से निकला ही नहीं |