Hindi Font 2 Lines Shayari – कल तक उड़ती थी जो dilse June 15, 2016 Uncategorized Comments कल तक उड़ती थी जो मुँह तक आज पैरों से लिपट गई चंद बूँदे क्या बरसी बरसात की धूल की फ़ितरत ही बदल गई..