तेरे सुर्ख होंठों पर ये लाली अच्छी नहीं लगती
तेरे हांथों में ये प्याली अच्छी नहीं लगती
ए बेवफा मत बदल अब तू ज़मीर अपना
तेरे दर की सवाली अब अच्छी नहीं लगती
Submitted By : Dev Kumar
तेरे सुर्ख होंठों पर ये लाली अच्छी नहीं लगती
तेरे हांथों में ये प्याली अच्छी नहीं लगती
ए बेवफा मत बदल अब तू ज़मीर अपना
तेरे दर की सवाली अब अच्छी नहीं लगती
Submitted By : Dev Kumar