Khwab Hindi Shayari – जानता हूँ मैं कि तू ख्वाब dilse May 4, 2017 Uncategorized Comments जानता हूँ मैं कि तू ख्वाब है मेरे लिए, हसीं सा एक ख्वाब देखने में मगर, हर्ज़ ही क्या है..!!