Minnat Hindi Shayari – रिहाई की कोई सूरत नहीं dilse March 21, 2017 Uncategorized Comments रिहाई की कोई सूरत नहीं है मगर हाँ मिन्नत -ऐ -सैयाद कर के बदन मेरा छुआ था उसने लेकिन गया है रूह को आबाद कर के