गिरती हुई बारिश के बूंदों को अपने हाथों से समेट लो जितना पानी समेट पाए,
उतना याद तुम हमें करते हो जितना समेट ना पाई, उतना हम तुम्हे करते हैं
गिरती हुई बारिश के बूंदों को अपने हाथों से समेट लो जितना पानी समेट पाए,
उतना याद तुम हमें करते हो जितना समेट ना पाई, उतना हम तुम्हे करते हैं