एक आदमी लेडिस टॉयलेट मैं घुसा गया
तो एक औरत बोली -ये महिलाओं के लिए है
तब वो आदमी हँसा और
अपनी पेंट की ज़िप खोलकर बोला
-ये कोनसा गरम मसाला कूटने के लिए है
ये भी तो महिलाओ के लिए ही है
एक आदमी लेडिस टॉयलेट मैं घुसा गया
तो एक औरत बोली -ये महिलाओं के लिए है
तब वो आदमी हँसा और
अपनी पेंट की ज़िप खोलकर बोला
-ये कोनसा गरम मसाला कूटने के लिए है
ये भी तो महिलाओ के लिए ही है
पती बीवी से: हमारा बच्चा यही से बाहर आयेगा, है ना?
बिवी मुस्कुराते हुवे: हां, लेकीन तुम झाको मत, अभी नजर नही आयेगा, बहुत छोटा छेद है.”
पती:”यार, फिर भी देखने दे ना”,
पती ने छेद मे से झांका, पर कुछ नजर नही आया.
थोडी देर बाद स्कुल की घंटी बजी, और
मुन्ना बाहर आता है,
और पती और बिवी मुन्ने को लेके घर चले जाते है.
तात्पर्य – छेद दरवाजे मे था, लेकिन आपकी सोच को 21 तोपों की सलामी…
सोच बदलो, देश बदलेगा
अकेला मोदी, क्या कर लेगा.
Ladkiyon ki Upar ki Sab Cheez ‘B’ se Shuru hoti hai..
Blouse
Bra
Bikini
B_ _bs
Aur
Niche ki
‘P’ se..
Peticot
Panty
Period
Pu_ _ y.
Is liye admi ko “BP” ki bimari hoti hai
नारी के सर पे जो बाल है,
वही मायाजाल है.
उसके होठों का जो रस है,
वही सोमरस है.
उसके सीने पे जो आम है,
वही चार धाम है.
उसके नाभी के निचे जो वन है,
वही वृन्दावन है.
और उस वृन्दावन में जो द्वार है,
वही हरिद्वार है.
..
..
..
..
..
अब सोचते क्या हो,
जाओ और पुण्य कमाओ.
– प. पु. आसाराम बापू
दिल तोड़ने कि सजा नहीं मिलती;
दिल टूटने कि वजह नहीं मिलती;
माल तो बहुत फस जाते हैं, मेरे दोस्त;
बस उन्हे ठोकने कि जगह नहीं मिलती!
सूहागरात का सबसे बड़ा झटका :
सुहागरात की तैयारी हो चुकी हो और
पत्नी पति से बोली :कंडोम सिर्फ़ कोहिनूर
ही लेना, बाकी से मुझे एलर्जी हो जाती हे.
एक बार बहू सास की टाँगे दबा रही थी.
सास का घागरा उँचा हो गया.
बहू बोली : प्रणाम!
सास बोली : किसको?
बहू बोली : ससुर की रणभूमि और पति की जन्मभूमि को.
लड़का : मैं प्यार की ऊंचाई औरइश्क़ की गहराई को देखना औरछूना चाहता हूँ.
लड़की : सीधी तरह क्यों नहीं कहतेकि अंडरवियर और ब्रा उतार दो
एक औरत को उसका बच्चा बहुत परेशान कर रहा था.
तो उसने एक ठंडी साँस ली और बोली :
“काश..
मैं उस दिन
मुहं में ले लेती”…
मांगता हूँ तो देती नहीं हो,
जवाब मेरी बात का;
और देती हो तो खड़ा हो जाता है,
रोम-रोम जज्बात का,
मुंह में लेना तुम्हे पसंद नहीं,
एक भी कतरा शराब का,
फिर क्यों बोलती हो कि
धीरे से डालो,
बालों में फूल गुलाब का,
वो सोती रही मैं करता रहा,
इंतज़ार उसके जवाब का,
अभी उसके हाथ में रखा ही था कि उसने पकड़ लिया,
गुलदस्ता गुलाब का,
उसने कहा पीछे से नहीं आगे से करो,
दीदार मेरे हुस्न-ओ-शबाब का,
उसने कहा बड़ा मज़ा आता है जब अन्दर जाता है,
कानो में एक एक लफ्ज़ तेरे प्यार का!