Ghazal Shayari Hindi Mein – Kaise Keh Du Ki Mulaqaat Nahi Hoti Hai
कैसे कह दूँ कि मुलाकात नहीं होती है,
रोज़ मिलते हैं मगर बात नहीं होती है;
आप लिल्लाह न देखा करें आईना कभी,
दिल का आ जाना बड़ी बात नहीं होती है;
छुप के रोता हूँ तेरी याद में दुनिया भर से,
कब मेरी आँख से बरसात नहीं होती है;
हाल-ए-दिल पूछने वाले तेरी दुनिया में कभी,
दिन तो होता है मगर रात नहीं होती है;
जब भी मिलते हैं तो कहते हैं कैसे हो,
इस से आगे तो कोई बात नहीं होती है!