Zarurat Hindi Shayari – मैं याद तो हूँ उसे

मैं याद तो हूँ उसे, पर ज़रूरत के हिसाब से।
मेरी हैसियत, कुछ नमक जैसी है।


Zarurat Hindi Shayari – ज़रूरत दिन निकलते ही निकल

ज़रूरत दिन निकलते ही निकल पड़ती है डयूटी पर
बदन हर शाम ये कहता है अब हड़ताल हो जाए


Zarurat Hindi Shayari – तेरी चाहत ने निखारा है

तेरी चाहत ने निखारा है इस कदर मुझको
आइना कहता है तुम्हें मेरी ज़रूरत क्या है


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