Patriotic Poetry In Hindi – Kabhi To Watan Badlega

कभी तो बहार आएगी, कभी नूरे चमन बदलेगा !
ख़ुदा पे है यकीं इतना, कभी तो करम बदलेगा !

आएगा कभी होठों पे किलकारियों का मौसम भी,
यारो कभी तो ज़र्द चेहरे का, कुछ तो रंग बदलेगा !

हम आज तो बदनाम हैं पहचानता हमें कोई नहीं,
कभी तो दिल से लोगों के, वो पुराना भरम बदलेगा !

कुछ भी न बदला अब तक सब कुछ तो है वैसा ही,
जीता रहा इस आस में कि, कभी तो वतन बदलेगा !

शांती स्वरूप मिश्र