Furqat Hindi Shayari – निकल जाए यूँही फ़ुर्कत में

निकल जाए यूँही फ़ुर्कत में दम क्या
न होगा आप का मुझ पर करम क्या


Furqat Hindi Shayari – सितारों से उलझता जा रहा

सितारों से उलझता जा रहा हूँ
शबे-फ़ुर्कत बहुत घबरा रहा हूँ

यकीं ये है हक़ीकत खुल रही है
गुमां ये है कि धोखे खा रहा हूँ


Furqat Hindi Shayari – अगर तू इत्तेफ़ाक़न मिल भी

अगर तू इत्तेफ़ाक़न मिल भी जाए
तेरी फ़ुर्कत के सदमें कम न होंगे


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