Inkaar Hindi Shayari – ज़ख़्म इतने गहरे हैंइज़हार क्या

ज़ख़्म इतने गहरे हैं,इज़हार क्या करें
हम खुद निशाना बने,इंकार क्या करें
हमने आँखों के दरवाज़े खुले रखे हैं
अब इससे ज़्यादा इंतज़ार क्या करे

Inkaar Hindi Shayari – डर सा लगता है उससे

डर सा लगता है उससे अपने लिये वक्त माँगने पर
कहीं उसके पास इनकार के लिये भी वक्त ना हो.


Inkaar Hindi Shayari – किस्मत पर एतबार किसको है

किस्मत पर एतबार किसको है
मिल जाए खुशी इनकार किसको है
कुछ मजबूरियाँ होती है यार जिन्दगी में
वर्ना जुदाई से प्यार किसको


Inkaar Hindi Shayari – जब मुस्कराती हूँ तो वो

जब मुस्कराती हूँ तो वो प्यार बना देता है.
वो मेरी बातो को किताब बना देता है.
बातो मैं उसके जादू है
वो मेरे इनकार को इकरार बना देता है


1 2