Jism Hindi Shayari – ख़ाक थी और जिस्म ओ

ख़ाक थी और जिस्म ओ जाँ कहते रहे
चंद ईंटों को मकाँ कहते रहे


Jism Hindi Shayari – जिस्म पर जो निसान है

जिस्म पर जो निसान है जनाब,
वो तो सारे बचपन के है,
बाद के तो सारे दिल पर लगे है


Jism Hindi Shayari – तमन्ना तेरे जिस्म की होती

तमन्ना तेरे जिस्म की होती
तो छीन लेते दुनिया से
इश्क तेरी रूह से है इसलिए
खुदा से मांगते हैं तुझे


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