Khwab Hindi Shayari – तेरे ख्वाब आये भी ना

तेरे ख्वाब आये भी ना कैसे . . .

इन आंखों को
ख्वाबों की लत लगाई भी तो तुमने है . . .


Khwab Hindi Shayari – रात काफी हो चुकी है अब

रात काफी हो चुकी है
अब चिराग बुझा दीजिये
एक हसीं ख्वाब राह देखता है आपकी
बस पलकों के परदे गिरा दीजिये!!!
शुभ रात्री !!
गुड नाईट !!!


Khwab Hindi Shayari – हर ख्वाब के मुकद्दर मे

हर ख्वाब के मुकद्दर मे हकीकत नहीं होती…
कुछ ख्वाब जिन्दगी मे…महज ख्वाब ही रह जाते हैं….!!


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